बांसुरी की धुन

शीर्षक: बांसुरी की धुन एक छोटे से गाँव में, जहाँ हर सुबह सूरज की पहली किरणें खेतों में बिखरती थीं, वहाँ एक लड़की थी जिसका नाम सिया था। सिया को बांसुरी बजाने का बहुत शौक था। वह अक्सर अपने बगीचे में बैठकर बांसुरी की मधुर धुनें गुनगुनाती थी, जिससे गाँव का माहौल और भी खुशनुमा हो जाता था। एक दिन, जब सिया बांसुरी बजा रही थी, तभी एक युवक, आर्यन, वहाँ आया। वह गाँव में नया था और उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी। उसने सिया की बांसुरी की धुन सुनी और मंत्रमुग्ध हो गया। “क्या मैं तुम्हारे साथ बैठ सकता हूँ?” आर्यन ने पूछा। “बिल्कुल,” सिया ने मुस्कुराते हुए कहा। उस दिन से उनकी मुलाकातें बढ़ने लगीं। आर्यन ने सिया को अपनी पेंटिंग्स दिखाईं, और सिया ने उसे बांसुरी की धुन सिखाई। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगी। एक शाम, जब सूरज ढल रहा था, आर्यन ने सिया से कहा, “तुम्हारी बांसुरी की धुन ने मेरे दिल को छू लिया है। क्या तुम मेरी ज़िंदगी में हमेशा के लिए रहोगी?” सिया ने उसकी आँखों में देखा और कहा, “हाँ, मैं तुम्हारे साथ हर धुन में रहना चाहती हूँ।” उस दिन से, उन्होंने एक-दूसरे के साथ अपने सपनों को साझा किया और एक नई कहानी की शुरुआत की। गाँव में उनकी प्रेम कहानी की चर्चा होने लगी, और दोनों ने मिलकर एक खूबसूरत जीवन बिताया, जहाँ बांसुरी की धुनें और पेंटिंग्स हमेशा के लिए एक-दूसरे के साथ रहीं।

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